एक और ------ .

एक कदम और चला ,
रस्ते नए मिले
राही जो थे साथ मेरे
कुछ आगे निकल गए
तो कुछ पीछे बहुत छुट गए

होंगे कुछ नए वादे
बचे शेष उस घास में ,
जिसे हमने बड़े प्यार से
चरवा दिया था

दूर पछिम में गोल
लाल बिंदी होगा बन गया
अब ,
भक्क भेपरलाईट उन के लिए
जो क्षितिज छूने की होड़ में
है निकल आगे गए

मेरे संग है बस ,
मेरी सारी कर्मनिष्ठा
और मेरी अनसुनी कहानी ,
जिसके लिए है जारी तलाश
सच्चे आलोचक की

खासकर, इसी कारण
हर कदम के बाद बोल पड़ता हूँ ,
बस ,
एक और कदम

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