एक और ------ .
एक कदम और चला , रस्ते नए मिले राही जो थे साथ मेरे कुछ आगे निकल गए तो कुछ पीछे बहुत छुट गए । होंगे कुछ नए वादे बचे शेष उस घास में , जिसे हमने बड़े प्यार से चरवा दिया था । दूर पछिम में गोल लाल बिंदी होगा बन गया अब , भक्क भेपरलाईट उन के लिए जो क्षितिज छूने की होड़ में है निकल आगे गए । मेरे संग है बस , मेरी सारी कर्मनिष्ठा और मेरी अनसुनी कहानी , जिसके लिए है जारी तलाश सच्चे आलोचक की । खासकर , इसी कारण हर कदम के बाद बोल पड़ता हूँ , बस , एक और कदम ।